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भारत में आंखों को लेकर नई बीमारी आई फ्लू संक्रमण दर 80% तक कैसे बचे इस बीमारी से

दोस्तों, बारिश ने भारत में बड़ा हलचल मचा दिया है। यह बारिश भी मारिया का प्यार कहीं ज्यादा दिखाई दे रही है या फिर खतरे को कम कर रही है, इसे देखना मेरा काम है।

पंजाब से लेकर हिमाचल प्रदेश तक, सभी तरफ पानी ही पानी दिख रहा है। इस बारिश ने बालों को भी परेशान किया है।

बारिश के बाद जब सभी नदियाँ बहने लगीं तो अभी तक यह तो सिर्फ शुरुआत है, मारियो और नेपना बाद में दिखाई देंगे। वे भी तो बारिश के पानी में ही सहेंगे।

बारिश के पानी से ऐसे भीगने से कुछ बाल के ठंडे हवा से सर्दी हो सकती है, फूलते ज़रा ध्यान दें। अभी तक लोगों को यह दिख रहा है कि वे इस सर्दी और बिमारियों के पानी में बड़े स्वस्थ हैं।

गोरखपुर के स्कूलों में भी यही हाल है। रोज़ाना बच्चे पानी में भीगकर स्कूल जाते हैं। इससे पानी के कीचड़ से बिमारियों को बढ़ने का खतरा है। अपने आप को स्वच्छ रखें और स्वस्थ रहें।

मुझे खेद है, लेकिन आपका प्रयास अनुभाग को समझने में काफी कठिन हो रहा है। लगता है कुछ शब्द या वाक्यांश तो विलिन हो गए हैं। हालांकि, मैं जो कुछ समझ पाया हूँ, उसे हिंदी में सरल शब्दों में बदलने की कोशिश करता हूँ:

“मध्य प्रदेश के सागर और दमोह जिले में भी जितना बारिश हो रहा है, वहां की बाल की स्थिति खराब हो रही है। याद रखें, देश के कई हिस्सों में बारिश का जमा पानी भी आ रहा है। लोग परेशान हो रहे हैं क्योंकि पानी से भरी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बहुत से लोगों को खासकर मारिया ने ठंड, जुकाम, डेंगू, और मलेरिया जैसी समस्याएं उत्पन्न की हैं। यह समस्याएं अब आम हो गई हैं, इसलिए लोकल सरकारों को इससे निपटने के लिए कठिनाई हो रही है।”

कृपया ध्यान दें कि कुछ अशुद्धियाँ भी हो सकती हैं क्योंकि मैंने केवल समझ पाए अंश को ही ट्रांसक्राइब किया है।

मुझे फिर से खेद है, लेकिन आपका प्रयास फिर से अनुभाग को समझने में कठिन हो रहा है। कुछ शब्द या वाक्यांश फिर से विलिन हो गए हैं। हालांकि, मैं जो कुछ समझ पाया हूँ, उसे हिंदी में सरल शब्दों में बदलने की कोशिश करता हूँ:

“माध्यमिक शिमायोनी में समस्या होने पर इसे तुरंत दुर्गा के पास ले जाना चाहिए।

बरसात के मौसम में कंजंक्टाइवाइटिस बी के कारण आंखों में सूजन और खाज बढ़ जाती है। इस इन्फेक्शन को वेसिटो हर्सल बारिशी सेक्रो ममलिस ने भी महसूस किया है। पहले तो इसे गंदे पानी से पलटे या फिर धीरे-धीरे ठीक किया जाता है। पर ध्यान देने वाली बात यह है कि किस संक्रमण के साथ बच्चे आसानी से ग्रस्त हो जाते हैं। बारिश के मौसम में मारियो कफ भी कोई बड़ी बात नहीं है। जैसे पतालों की जमा पानी ही बारिश का अधिकारी हैं। हमें अपने आप को साफ रखने के लिए इलाज और सावधानी ज्यादा जरूरी है। एक गुटली बनाकर रखने से यह समस्या नहीं होगी।”

कृपया ध्यान दें कि फिर से कुछ अशुद्धियाँ हो सकती हैं, क्योंकि मैंने केवल समझ पाए अंश को ही ट्रांसक्राइब किया है।

हां, एक समय होता है जब बीमारी तेजी से पलट जाती है या फिर एक स्थिति बदल जाती है।

तो सावधान रहना बहुत जरूरी है, अगर हम सभी चीजों से बजकर रहें हैं तो सावधान रहना पड़ेगा, सतर्क रहना पड़ेगा। किसी भी समय कुछ भी हो सकता है। तो समाज के साथ इस तालमेल करना पड़ेगा, वर्ना आंखों में होने वाली इस जलन को ठीक करना बहुत मुश्किल हो जाता है। या अभी तो दोस्तों, बिमारियों ने दस्तक दी है।

डॉक्टर शेहे, डॉक्टर सपनीत और आरएएफ का साथ देकर पूरी कोशिश कर रहे हैं संक्रमण को कम करने में सामर्थ्यवान होने की।

समझाना यही सही है कि संक्रमित न करें या बारिश के मौसम में बिल्कुल साफ सूखे पानी का सेवन करें। वातावरण को साफ रखने से संक्रमण बढ़ने की आगे बारला है जैसे ज्वाला गाढ़ रोज़ी हो सकती है। हमारी तो वसाफ़ से यही गुजारी शक्ति है, जितना हो सकता है, न कोटको सेव बनाये रखें, मन कीये फ्लूक ये संक्रमण।

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